अपराधअरवलऔरंगाबादकटिहारकिशनगंजकैमूरखगड़ियाखेलगयागोपालगंजजमुईजहानाबादताजा ख़बरेंदरभंगादिल्लीदेशनवादानालंदापटनाबिहारब्रेकिंग न्यूज़मुजफ्फरपुरराजनीतिराज्यशिवहरसमस्तीपुरसीतामढ़ी

Chaitra Navratri 2021- नवरात्र के चौथे दिन ऐसे करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें मंत्र और भोग

नवरात्र का चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्माण्डा की उपासना की जाएगी। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि।

 

TEAM IBN-नवरात्र का चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्माण्डा की उपासना की जाएगी। कुष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कुष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानि कि- कद्दू, यानि कि पेठा, जिसका हम घर में सब्जी के रूप में इस्तेमाल करते हैं।

मां कुष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत ही प्रिय है, इसलिए मां दुर्गा का नाम कुष्मांडा पड़ा। इसके साथ ही देवी मां की आठ भुजायें होने के कारण इन्हें अष्टभुजा वाली भी कहा जाता है| इनके सात हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल, अमृत से भरा कलश, चक्र और गदा नजर आता है, जबकि आठवें हाथ में जप की माला रहती है। माता का वाहन सिंह है और इनका निवास स्थान सूर्यमंडल के भीतर माना जाता है।

 

कहते हैं कि- सूर्यदेव के ऊपर मां कूष्मांडा का आधिपत्य रहता है और सूर्यदेव को दिशा और ऊर्जा देवी मां ही प्रदान करती हैं। अगर आपकी जन्मपत्रिका में सूर्यदेव संबंधी कोई परेशानी हो, तो मां कुष्मांडा की उपासना करना आपके लिये बड़ा ही फलदायी होगा। आपको देवी मां के इस मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है –

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

मां कुष्मांडा के इस मंत्र का जप करने से आपको सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेंगे ही, साथ ही आपके परिवार में खुशहाली आयेगी और आपके यश तथा बल में बढ़ोत्तरी होगी। इसके अलावा आपकी आयु में वृद्धि होगी और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा।

माता कुष्मांडा की अपनी स्तुति है और धन प्राप्ति के अनेक मन्त्र हैं लेकिन अगर धन पाना ही उद्देश्य है तो आज माता महालक्ष्मी के मन्त्र का जप करना बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा।

मन्त्र है-
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद
श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः 

इस मन्त्र का 108 बार जप करने से आपको अथाह धन की प्राप्ति होगी।

मां कुष्मांडा को लगाएं ये भोग

माता को इस दिन मालपुआ का प्रसाद चढ़ाने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, साथ ही आज के दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन व वस्त्र भेट करने से धन की वृद्धि होती है।

ऐसे करें मां कुष्मांडा की पूजा

दुर्गा पूजा के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करना चाहिए। फिर मन को अनहत चक्र में स्थापित करने हेतु मां का आशीर्वाद लेना चाहिए। सबसे पहले सभी कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करें फिर मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लेकर मां को प्रणाम कर इस मंत्र का ध्यान करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

फिर मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप करें।
या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां की पूजा के बाद महादेव और परमपिता ब्रह्मा जी की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा करें।

ध्यान
वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥
भास्वर भानु निभां अनाहत स्थितां चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्।
कमण्डलु, चाप, बाण, पदमसुधाकलश, चक्र, गदा, जपवटीधराम्॥
पटाम्बर परिधानां कमनीयां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि रत्नकुण्डल, मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वदनांचारू चिबुकां कांत कपोलां तुंग कुचाम्।
कोमलांगी स्मेरमुखी श्रीकंटि निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

स्तोत्र पाठ
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दरिद्रादि विनाशनीम्।
जयंदा धनदा कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
जगतमाता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्।
चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
त्रैलोक्यसुन्दरी त्वंहिदुःख शोक निवारिणीम्।
परमानन्दमयी, कूष्माण्डे प्रणमाभ्यहम्॥

Related Articles

Back to top button
Close
INDEPENDENT BIHAR NEWS